‘तेरे मेरे इश्क़ की बस इतनी-सी ही पहचान है, मैं मंदिर का मंत्र हूँ, तू मस्जिद की अज़ान है।' देव प्रकाश की ज़िन्दगी का गणित, एक के पहाड़े की तरह ही चल रहा था। पिता एक आदर्शवादी नेता थे तो वक़्त नहीं दे पाए और माँ के आँचल का साया, बचपन में ही उनकी मृत्यु के साथ छूट गया। अकेले देव को जोड़े रखने वाले, उसके दो जिगरी दोस्त, त्रिपुरारी और चंदन, जो उसके लिए कुछ भी करने को हर दम तैयार रहते थे, मतलब कुछ भी! अपने अकेलेपन की उदासी में जी रहे देव की खोपड़ी, एक दिन अचानक से हिल जाती है। ज़िन्दगी में मेहर खान का आना क्या हुआ, देव के जीवन का सारा गणित बिगड़ गया। इश्क में पड़ने, बवाल करने और ज़िंदगी की सच्चाइयों से जूझने की ये कहानी, अपने भीतर बहुत कुछ छिपाये हुए हैं। अब देखना ये हैं, 'देव प्रकाश और मेहर खान' के प्रेम गणित का हिसाब क्या आया। "कितनी कठोर दिल थी वो? मतलब यहाँ हमारे इश्क़ का जनाज़ा निकल रहा था, और वहाँ उसे भिंडी की पड़ी थी!"
Publisher : FlyDreams Publications; First edition (27 October 2020); Language : Hindi Paperback : 151 pages ISBN-13 : 978-8194113164 Dimensions : 12.9 x 1.3 x 19.8 cm Country of Origin : India