ज़िन्दगी दो चीज़ों की मोहताज होती है - एक रोटी का कौर और दूसरा सही दौर। जहां रोटी की अहमियत रोज़ महसूस होती है, वहीं दौर को समय की सुई इतना भगाती है कि बैठकर उसको महसूस करने या उसकी अहमियत समझने का वक़्त ही नहीं मिलता। इसी तरह हम अक्सर खुद से पूछते हैं कि कोई बात, कोई याद, कहीं हुआ एक वाकया या घटना मामूली सा तो था पर मुझे क्यों याद है। ऐसा क्या खास था इसमें? कुछ भी नहीं! यह शायद आपके दिमाग का आपसे बदला लेने का तरीका है कि मन को सुकून देने वाली ज़िन्दगी की अहम बातों को याद नहीं रखोगे, तो फिर भुगतो! या शायद उसकी नम्र अर्जी है कि साहब जी/मैडम जी, बहुत भाग लिए ज़िन्दगी में, कभी तो ठहरकर अपनी संजोई यादों को निहारो! इन कहानियों में ऐसे बारीक लम्हों को पिरोने की कोशिश की है। मुझे नहीं पता कि आपकी ज़िन्दगी में कौनसा दौर चल रहा है पर मैं उम्मीद करता हूं कि इन कहानियों को पढ़ने के बाद आप ऐसे लम्हों की डोर पकड़े, हर दौर में अपने दिल को दिलासा देंगे - मोहित शर्मा
Publisher : FlyDreams Publications; First edition (27 October 2020); Language : Hindi Paperback : 147 pages ISBN-13 : 978-8194642923 Dimensions : 12.9 x 1.3 x 19.8 cm Country of Origin : India