चाँद से प्रेम है तो वैराग्य भी है, चाँद की चाँदनी में इंतज़ार है तो मिलन की रात भी हैं, चाँद से ही पूर्णिमा की शीतल रोशनी है तो अमावस्या की स्याह अंधियारी भी हैं। इसी चाँद की शरद पूर्णिमा में लीलाधर केशव ने रासलीला को रचा भी है, और इसी शरद के चाँद के इंतज़ार में बैठी है सोनिया जिसनें सुनी है तो बस एक कहानी... फ्रांस की सोनिया अपने दोस्तों के साथ मस्त और बिंदास जिंदगी जी रही थी। लेकिन सब कुछ बदल गया जब एक दिन कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, भगवान श्री कृष्ण की कथा ने उसके लिए जीवन का नजरिया ही बदल दिया। कौन हैं ये कृष्ण जिसने सोनिया को इतना बेचैन कर दिया था? और आसमान में चमकते उस शरद के चाँद से सोनिया का क्या रिश्ता है? इन्हीं सवालों के जवाब ढूँढती, सोनिया फ्रांस के आसमान से, भारत की पावन जमीन वाराणसी आ पहुँची। वाराणसी की उन गलियों में फिर एक दिन अचानक, नियति की एक वक्रदृष्टि ने पलभर में सब कुछ बदल दिया। अब आसमान में हर साल शरद का चाँद चमकता, पर सोनिया का चाँद न जाने कहाँ डूब गया था।
Publisher : FlyDreams Publications; First edition (27 October 2020); Language : Hindi Paperback : 148 pages ISBN-13 : 978-8194642930 Dimensions : 12.9 x 1.4 x 19.8 cm Country of Origin : India