कहते हैं, एक बार तानसेन ने अकबर को अपना दीप राग सुनाया था, जिससे भरे दरबार में सभी दीपक अपने आप जल उठे। रागों की इसी साधना का असर था कि मेघ भी बरस पड़ते थे। तानसेन के गुरु, 'हरीदास' उनसे भी पहुँचे गायक थे, जो कुछ भी चमत्कार कर सकने में समर्थ थे। आखिरी प्रेमगीत में भी चमत्कार है, एक गायक की राग साधना और अप्सरा के मोहिनी नृत्य के संगम का। आखिरी प्रेमगीत की कहानी हैं, सरगम के भरोसे की, सपनों की, विश्वास की और प्रेम से उसकी शक्ति की। सरगम, जिसे सुरीला होना चाहिए था, वह अप्सराओं को नृत्य में मात देने का हुनर रखती थी। आखिरी प्रेमगीत कहानी है नटराज की साधना की, निश्चय की, सच की लड़ाई की और अपने प्रेम गीतों की सरगम में अथाह प्रेम को भर, उन्हें जीवित करने की। नटराज, जिसे महादेव की तरह सबको नाचकर मोहित करना था, ऐसा गाता था कि स्वर्ग की सभा भी मंत्रमुग्ध हो जाए। आखिरी प्रेमगीत कहानी हर उस व्यक्ति की है, जिसने प्रेम को अपना संगीत, अपना नृत्य, अपनी जीवन की साधना माना हैं।
Publisher : FlyDreams Publications; First edition (10 November 2020); Language : Hindi Paperback : 202 pages ISBN-13 : 978-8194642947 Dimensions : 19.8 x 12.9 x 1.5 cm Country of Origin : India