प्री बुकिंग करें 'आबिद रिज़वी' की नई किताब और पाए 25% की छूट और साथ में हस्ताक्षर सहित प्रति (सीमित प्रतियां) ऑफर केवल प्री-बुकिंग पर उपलब्ध
नोट : किताबें मार्च के अंतिम सप्ताह में प्रेषित की जाएंगी।
किताब के बारे में:- छः साल बाद लंदन से पढ़ाई ख़त्म करके वापिस लौट रहे सुपरिटेण्डेन्ट फैयाज़ के बेटे वहीद, जिसके स्वागत में कर्नल विनोद, कैप्टन हमीद, अली इमरान, विशाल उर्फ ब्लैक टाइगर और सर सुल्तान जैसे भारत की सीक्रेट सर्विस तथा मिलिट्री इंटेलिजेंस के धुरंधर सुरमा खड़े थे। वह इसलिए क्योंकि वहीद के पास एक ऐसी बेशकीमती दुर्लभ मूर्ति थी, जो चाबी थी हजारों साल पुरानी और विलुप्त हो चुकी सभ्यता के रहस्यों और खज़ानों की। जिसके पीछे थे फोमांचू, मैडम शिवाना और ओमर शरीफ़ जैसे अंतराष्ट्रीय अपराधी। वह स्थान जिसे 'चिंगारियों का देश' के नाम से जाना जाता था। पहाड़ियों के गर्भ में दबे उस देश में, आधी रात के बाद चारों तरफ़ इस तरह से चिंगारियाँ उभरती हुई दिखाई देतीं जैसे छोटे-छोटे ज्वालामुखी फूट रहे हों। क्या हुआ जब ये सारे धुरंधर चल पड़े उस वर्षों पुरानी विलुप्त सभ्यता का रहस्य जानने के लिए? लोकप्रिय साहित्य के सुप्रसिद्ध लेखक 'आबिद रिज़वी' का करिश्माई लेखन- 'नाचती चिंगरियाँ'